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Test Paper-3 (X)


                                                                             अ-भागः
(बहुविकल्पकात्मक प्रश्नाः)

अनुप्रुक्त व्याकरणम्
प्र.1. अधोलिखितवाक्येषु रेखांकितपदस्य सन्धिपदं सन्धिच्छेदपदं वा चिनुत्-
(केवलं प्रश्नचतुष्टयम्)                                                                                                         1×4=4 

(i) अस्य नाटकस्य नै + अकः कः अस्ति?
(क) नायक  (ख) नायकः (ग) नैयकः
(ii) मदोद्धता कपयः अवदन्।
(क) मद्+उद्दत (ख) मत् + उद्दता (ग) मदो + ता
(iii) तस्य राज्ञः एक + छत्रं राज्यम् आसीत्।
(क) एकःछत्रं (ख) एकच्छत्रम् (ग) एकंछत्रं
(iv) कृष्णः चलति कुरुक्षेत्रे।
(क) कृष्णः+चलति (ख) कृष्णो + चलति (ग) कृष्ण + चलति
(v) अयोग्यः पुरुषः नास्ति योजकः+तत्र दुर्लभः।
(क) योजकस्तत्र (ख) योजकोतत्र (ग) योजकत्र

प्र.2. अधोलिखितवाक्येषु रेखांकितपदानां समासं विग्रहं वा प्रदत्तविकल्पेभ्यः चिनुत-
        (केवलं प्रश्नचतुष्टयम्)                                                                                                 1×4=4 
(i) अद्य राष्ट्रपतेः भवने संस्कृतविदुषां सम्मानसमारोहः आयोज्यते।
(क) राष्ट्रपतिनिवासे (ख) राष्ट्रपतीयभवने (ग) राष्ट्रपतिभवने
(ii) कदापि अनृतं न वक्तव्यम्।
(क) न ऋतम् (ख) अनृ + क्त (ग) ऋत + न
(iii) माता – पितरौ प्रणम्य परीक्षाभवनं गच्छ।
(क)माता च पितरौ च (ख)माता च पिता च (ग)मातरौ च पितरौ च
(iv) एतद् आचरणं साधुजनस्य रूपस्य योग्यं नास्ति।
(क) रूपयोग्यम् (ख) रूपस्य निकटे (ग) अनुरूपम्
(v) 'पीतानि अम्बराणि यस्य सः, तस्य' देवस्य इदं मन्दिरम् अस्ति।
(क) पीताम्बरः (ख) पीताम्बर तस्य (ग) पीताम्बरस्य


प्र.3. रेखांकितपदानां प्रकृति-प्रत्ययौ संयोज्य-विभज्य  वा उचितम् उत्तरं विकल्पेभ्यः चिनुत्- 
        (केवलं प्रश्नचतुष्टयम्)                                                                                                 1×4=4 
(i) मधु + मतुप्
(क) मधुवान् (ख) मधुमान् (ग) मधुमान
(ii) भवान् जानाति द्रोणैः चपला प्रकृतिम्।
(क) चपल + टाप् (ख) चपल + ला (ग) चपल + आम्
अथवा
(iii) यथासमयं सर्वेषां महत्वं विद्यते।
(क) महत् + त्व (ख) महान् + त्वम् (ग) महत् + तु
(iv) शक्तिमान् जनः लोके पराभवं न प्राप्नोति
(क) शक्ति + मतुप् (ख) शक्ति + क्तवतु (ग) शक्ति + शानच्

प्र.4. वाच्यस्य नियमानुगुण उचितं विकल्पं चिनुत।
(केवलं प्रश्नत्रयम्)                                                                                                         1×3=3 
(i) त्वया पुरस्कारं .......................। 
(क) गृह्णाति (ख) गृह्यते (ग) गृहति
(ii) छायाकारः छायाचित्रं ....................।
(क) रचयति (ख) रच्यते (ग) निर्माति
(iii) .................... प्रदर्शनी दृश्यते।
(क) आचार्येण (ख) आचार्यैः (ग) आचार्याभ्याम्
(iv) .................... नृपम् सेवते।
(क) सेवकाः (ख) सेवकेन (ग) सेवकः
(v) वालकः संस्कृतं पठनाय विद्यालयं ............।
(क) गम्यन्ते (ख) गच्छति (ग) गम्यते


प्र.5. प्रदत्त विकल्पेभ्यः समुचितं कालबोधकशब्दं चिनुत-
        (केवलं प्रश्नचतुष्टयम्)                                                                                                 1×4=4 
(i) प्रातः .......(7.30)........... वादने प्रार्थना-सभा।
(क)सपादसप्तवादने (ख) सार्धसप्तवादने (ग) पादोनसप्तवादने
(ii) प्रातः 10.00 ...... वादने अर्धावकाशः।
(क) दशवादने (ख) पादोनदशवादने (ग) सपाददशपादने
(iii) मध्याह्ने 11.45 ....... वादने विविधाः क्रीडाः।
(क) द्वादशवादने (ख) एकादशवादने (ग)पादोनद्वादशवादने
(iv) मध्याह्ने 1.15 ........ वादने पूर्णावकाशः।
(क) एकवादने (ख) सपादएकवादने  (ग) सार्धएकवादने
(v) विद्यालये मुख्यातिथिः (10.30) ..... वादने आगमिष्यति।
(क) दशवादने (ख) सार्धदशवादने  (ग) सपाददशवादने

प्र.6. वाक्यानुगुणम् उचिताव्ययपदं चिनुत-
        (केवलं प्रश्नत्रयम्)                                                                                                 1×3=3 
(i) सः ________ आगमिष्यति।
(क) श्वः (ख) ह्यः (ग) कदा
(ii) त्वं ________ मृषा मा वद।
(क) सर्वत्र (ख) कदापि (ग) अत्र
(iii) ग्रामात् _________ देवालयः अस्ति।
(क) अद्यः (ख) बहिः (ग) न
(iv) अहं _______ तत्र गमिष्यामि।
(क) न (ख) अपि (ग) कदापि

प्र.7. अधोलिखितवाक्योषु रेखांकितपदम् अशुद्धम् अस्ति। शुद्धं पदं विकल्पेभ्यः चिनुत-
        (केवलं प्रश्नत्रयम्)                                                                                                 1×3=3 
(i) जनेभ्यः प्रतिदिनम्  आगम् पत्राणि वितरामि।
(क) आगताम् (ख) आगतान् (ग) आगताः
(ii) जन्त्वागारे बहवः सिंहस्य आसन्।
(क) सिंहः (ख) सिंहाः (ग) सिंहयोः
(iii) तत्र वानरा अपि वृक्षात् वृक्षं कूर्दन्ते स्म।
(क) वानराः (ख) वानरम् (ग) वानरैः
(iv) त्वम् पुस्तकं पठामि।
(क) पठति (ख) पठसि (ग) पठावः

पठितावबोधनम्

प्र.8. रेखांकित-पदानि आधृत्य समुचितं प्रश्नवाचकपदं चिनुत-
        (केवलं प्रश्नपञ्चकम्)                                                                                                 1×5=5 
(i) सर्वेप्राणिनां जननी प्रकृतिमाता अस्ति।
(क) कस्य (ख) का (ग) किम्
(ii) अन्येषां वदने नाममात्रमेव नेत्रे स्तः।
(क) के (ख) किम् (ग) कानि
(ii) विद्या एव नेत्रम् वर्तते।
(क) कुत्र (ख) कया (ग) का
(iii) रक्षापुरुषः अतिथिम् कारागृहे प्राक्षिपत्।
(क) कम् (ख) किम् (ग) कः
(iv) न्यायाधीशः विवरणं श्रुतवान्।
(क) का (ख) कः (ग) कम्
(v) वनस्य समीपे एका नदी वहति।
(क) कस्या (ख) कया (ग) कस्य

प्र.9. अधोलिखितवाक्येषु रेखांकितपदानां प्रसङ्गानुकूलं उचितार्थं चिनुत्-
        (केवलं प्रश्नचतुष्टयम्)                                                                                                 1×4=4 
(i) नवमालिका रसालं मिलिता। 
(क) वृक्षम् (ख) आम्रम् (ग) वनम्
(ii) करी च सिंहस्य बलं जानाति। 
(क) बलः (ख) करः (ग) सिंहः
(iii) मां निजगले बदध्वा चल सत्वरम्। 
(क) शीघ्रम् (ख) मन्दम् (ग) शनैः
(iv) वृषः जवेन गन्तुम् अशक्तः आसीत्। 
(क) तीव्रगत्या (ख) जव इति अनेन (ग) मन्दं मन्दं
(v) राजपुत्रस्य भार्या पुत्रद्वयोपेता पितुर्गृहं प्रति चलिता। 
(क) पत्नी (ख) सखि (ग) माता

प्र.10. भाषिककार्यसम्बद्धानां प्रश्नानां समुचितम् उत्तरं विकल्पेभ्यः चिनुत-
          (केवलं प्रश्नषट्कम्)                                                                                                 1×6=6 
(i) ‘शतशकटीयानम्' कर्तृपदस्य क्रियापदं किम्?
(क) धूम्रम् (ख) कज्जल (ग) मुञ्चति
(ii) 'भार्या' इतिपदस्य विशेषणपदं किम्?
(क) बुद्धिमती (ख) तस्य (ग) चपेटया
(iii) ‘सर्वाम् वार्ताम्' अत्र विशेष्यपदं कि प्रयुक्तम्?
(क) वार्ताम् (ख) सर्वाः (ग) वार्त्ताः
(iv) 'प्रसन्नः' इत्यर्थे किं पदं प्रयुक्तम्?
(क) अहम् (ख) निशम्य (ग) मुदितः
(v) 'कृषकः' इति कर्तृपदस्य क्रियापदं किम्?
(क) पीडयति (ख) बहुधा (ग) तम्
(vi) 'अहमेव योग्यः' अत्र अहम् पदं कस्मै प्रयुक्तम्?
(क) पिकाया (ख) सिंहाय (ग) गजाय
(vii) 'अनंताः' इति पदस्ये विशेष्य पदं किम्?
(क) संसरणम् (ख) कठिनं (ग) पक्तयः
(viii) सः इति कर्तृपदस्य क्रिया पदं किम्?
(क) प्रसीदति (ख) तस्य (ग) अपगमे

आ – भागः
वर्णनात्मकाः प्रश्नाः 40 अङ्काः
अपठितावबोधनम्

प्र.11. अधोलिखित गद्यांशं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतेन लिखत-                         10

संस्कृतभाषा विश्वस्य सर्वासु भाषासु प्राचीनतमा भाषा अस्ति। इयं भाषा देववाणी  अपि कथ्यते। संस्कृतभाषा संसारस्य सर्वासां भाषाणां जननी अस्ति। सम्पूर्ण- संस्कृतसाहित्यम् अति प्राचीनम् अस्ति। इयं भाषा सर्वासु भाषासु सर्वश्रेष्ठा भाषा अस्ति। संस्कृतभाषाया: हिन्दीभाषाया: च माता पुत्री सम्बन्ध: विद्यते। संसारस्य  सर्वासु भाषासु  अनेके शब्दा: संस्कृतभाषाया: गृहीता:। अस्माकं सर्वे धार्मिक-ग्रन्था:, वेदा:, उपनिषदा:, पुराणानि च  संस्कृतमेव सन्ति। चत्वार: वेदा: यथा- ऋग्वेद: ,यजुर्वेद: ,सामवेद: , अथर्ववेद: च। वेदव्यास - रचितं महाभारतम् , वाल्मीकि - रचितं रामायणम् अपि संस्कृतमेव स्त:। संस्कृतं पठित्वा वयं सुसंस्कृता: भवाम:। अद्यत्वे जना:  विदेशेषु अपि संस्कृतभाषां वक्तुम् प्रयत्नशीला: सन्ति। ते संस्कृत- श्लोकानाम् उच्चारणं अति प्रसन्नतया एवम् मनोयोगेन कुर्वन्ति। यत: संस्कृतभाषाया: उच्चारणेन शरीरस्य सर्वेषु अङ्गेषु ऊर्जाया: प्रसार: भवति। अत: सर्वे जना: संस्कृतभाषां अवश्यम् एव पठन्तु।

अ. एकपदेन उत्तरत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                               (1×2=2) 
(क) का भाषा देववाणी अपि कथ्यते?
(ख) संस्कृतसाहित्यम् कीदृशम् अस्ति?
(ग) महाभारतम् क: अरचयत्?
आ. पूर्णवाक्येन लिखत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                               (2×2=4) 
(क) अद्यत्वे जना: कुत्र संस्कृतभाषां वक्तुम् प्रयत्नशीला: सन्ति?
(ख) चत्वारः वेदाः के सन्ति?
(ग) संस्कृतम् पठित्वा वयं कीदृशाः भवेम?
इ. अस्य अनुच्छेदस्य कृते उपयुक्तं शीर्षकं संस्कृतेन लिखत।                                         (1)
 
ई. यथानिर्देशम् उत्तरत- (केवलं प्रश्नत्रयम्)                                                             (1×3=3 )
“सर्वासु ” (i) सर्वासु भाषाषु विशेष्य-पदं किम् ?
(क)      विदेशेषु   (ख) सर्वेषु (ग) भाषासु
(ii) “विश्वस्य” अत्र अस्य पदस्य किं पर्यायपदं प्रयुक्तम्?
(क) शरीरस्य (ख) संसारस्य (ग) सर्वेषु
(iii)  “नवीनम्” अत्र अस्य पदस्य किं विलोमपदं प्रयुक्तम्?
(क) प्राचीना (ख) सर्वेषु (ग) अङ्गेषु
(iv) संस्कृतमेव अस्य सन्धि—विच्छेदं भवति-
(क) संस्कत+एव (ख) संस्कृत+मेव (ग) संस्कृतम्+एव

रचनात्कमकम् कार्यम्

प्र.12.अस्वस्थतायाः हेतोः दिनद्वयस्य अवकाशार्थम् प्रधानाचार्य प्रति लिखिते प्रार्थनापत्रे मजूषायाः                 पदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-                                                                     ½×10=5 

परीक्षाभवनम्
आदरणीयाः (i)________।
विषय- अवकाशप्राप्तये निवेदनम्।
सविनयं (ii)________ अस्ति यत् अहं (iii)________ आक्रान्तः अस्मि। एतस्मात् कारणात् विद्यालयम् आगन्तुम् (iv)________ अस्मि। अतः मह्यम् (v)________ अवकाशं प्रदाय (vi)________ अनुगृह्णन्तु। एतयोः दिवसयोः अध्ययनस्य या (vii)________ भविष्यति ताम् (viii)________ यतिष्ये। (ix)________
भवदीयः
शिष्यः
तिथिः (x)________                                                                                     क, ख, ग
मञ्जूषा
दूरीकर्तुम्, हानिः, धन्यवादः, दिनद्वयस्य, प्रधानाचार्याः, असमर्थः, माम्, 
तीव्रज्वरेण, निवेदनम्, 15-12-2020
प्र.13. प्रदत्त चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषायां प्रदत्तशब्दानां सहायतया पञ्चवाक्यानि संस्कृतेन लिखत- 1x5=5 

मञ्जूषा
उद्याने, हरिततृणानि, नलयन्त्रम्, पिपासिता, बालिका, पतति, जलम्, एकेन हस्तेन, 
पिबति, एकेन, गृह्णाति, हस्तयोः, बालिकायाः, केशाः, अस्तव्यस्ताः।

अथवा

'आदर्शः छात्रः' इति विषयम् अधिकृत्य मञ्जूषापदसाहाय्येन पञ्च संस्कृतवाक्यानि लिखत। 1x5=5
मञ्जूषा
                        विद्यालयः, गुरुम्, सम्मानम्, प्रतिदिनम्, व्यवहारकुशलः, सत्यवादी, 
                                        गुणनिपुणः, अध्ययने, पुस्तकानाम् आदरः।

प्र.14. अधोलिखितवाक्यानि संस्कृतभाषया अनूद्य लिखत-
(केवलं वाक्यपञ्चकम्) 1x5=5 

1. मेरे पास चार फल हैं।                         1. I have four fruits.
2. उद्यान में माली है।                         2. Gardener is In the garden
3. जयपुर राजस्थान की राजधानी है। 3. Jaipur is the capital of Rajasthan
4. कल हम दोनों उदयपुर गए थे।         4. Both of us wend to Udaipur yesterday
5. कृपया मेरे लिए भोजन लाओ।         5. Please bring food for me.
6. अब तुम्हें पढ़ना चाहिए।                 6. You should study now.
7. रविवार को मैं उत्सव में जाऊँगा। 7. I will go to festival on Sunday


पठितावबोधनम्

प्र.15.अधोलिखित गद्यांशं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानां उत्तराणि संस्कृतेन लिखत- 3
आदेशं प्राप्य उभौ प्राचलताम्। तत्रोपेत्य काष्ठपटले निहितं पटाच्छादितं देहं स्कन्धेन वहन्तौ न्यायाधिकरणं प्रति प्रस्थितौ। आरक्षी सुपुष्टदेह आसीत्, अभियुक्तश्च अतीव कृशकायः। भारवतः शवस्य स्कन्धेन वहनं तत्कृते दुष्करम् आसीत्। स भारवेदनया क्रन्दति स्म। तस्य क्रन्दनं निशम्य मुदित आरक्षी तमुवाच- ‘रे दुष्ट! तस्मिन् दिने त्वयाऽहं चोरिताया मजूषाया ग्रहणाद् वारितः। इदानीं निजकृत्यस्य फलं भुङ्क्ष्व। अस्मिन् चौर्याभियोगे त्वं वर्षत्रयस्य कारादण्डं लप्स्यसे" इति प्रोच्य उच्चैः अहसत्। यथाकथञ्चिद् उभौ शवमानीय एकस्मिन् चत्वरे स्थापितवन्तौ।

अ. एकपदेन उत्तरत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                             (½×2=1) 
(i) आरक्षी कीदृशः आसीत्?
(ii) अभियुक्तः कीदृशः आसीत्?
(iii) शवः कुत्र आसीत्?

आ. पूर्णवाक्येन उत्तरत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                               (1×2=2) 
(i) अभियुक्तस्य क्रन्दनं श्रुत्वा प्रसन्नः आरक्षी तम् किम् उवाच?
(ii) शवं नीत्वा तौ कुत्र प्रस्थितौ?
(iii) न्यायाधीशः कति वर्षाणि कारावासस्य दण्डं वदत्?

प्र.16. अधोलिखित पद्यांशं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानां उत्तराणि संस्कृतेन लिखत-                             3
वाक्पटुर्धैर्यवान् मन्त्री सभायामप्यकातरः।
स  केनापि   प्रकारेण   परैर्न  परिभूयते।।
अ. एकपदेन उत्तरत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                             (½×2=1) 
(i) कः परैः न परिभूयते?
(ii) अत्र 'सः' पदम् कस्मै प्रयुक्तम्?
(iii) कः वाक्पटुः?
आ. पूर्णवाक्येन उत्तरत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                             (1×2=2) 
(i) मन्त्री कीदृशः भवेत्?
(ii) सभायाम्प्यकातरः कः भवति?
(iii) मन्त्री कीदृशः भवेत्?

प्र.17. अधोलिखित नाट्यांशं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानां उत्तराणि संस्कृतेन लिखत-                             3
काकः- रे परभृत्! अहं यदि तव संततिं न पालयामि तर्हि कुत्र स्युः पिकाः? अतः अहम् एव करुणापरः पक्षिसम्राट् काकः।
गजः- समीपतः एवागच्छन् अरे! अरे! सर्वा वार्तां शृण्वन्नेवाहम् अत्रागच्छम्। अहं विशालकायः, बलशाली, पराक्रमी च। सिंहः वा स्यात् अथवा अन्यः कोऽपि। वन्यपशून् तु तुदन्तं जन्तुमहं स्वशुण्डेन पोथयित्वा मारयिष्यामि। किमन्यः कोऽप्यस्ति एतादृशः पराक्रमी। अतः अहमेव योग्यः वनराजपदाय।
वानरः- अरे! अरे! एवं वा (शीघ्रमेव गजस्यापि पुच्छे विधूय वृक्षोपरि आरोहति।)
अ. एकपदेन उत्तरत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                             (½×2=1) 
(i) काकः कस्य सन्ततिं पालयति?
(ii) करुणापरः पक्षिसम्राट् कः?
(iii) अहम् एव करुणापरः पक्षिसम्राट्। इति कः कथयति?
आ. पूर्णवाक्येन उत्तरत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                               (1×2=2) 
(i) गजः आत्मानं विषये किं कथयति?
(ii) गजस्य पुच्छे कः विधूय आरोहति?
(iii) स्वशुण्डेन कः मारयति?

प्र.18.मञ्जूषातः समुचितपदानि चित्वा अधोलिखित-श्लोकस्य अन्वयं पूरयत-                        ½×4=2 
निजबुद्ध्या विमुक्ता सा भयाद् व्याघ्रस्य भामिनी।
अन्योऽपि बुद्धिमाँल्लोके मुच्यते महतो भयात्।।

अन्वयः- सा भामिनी निज (i)__________ व्याघ्रस्य भयात् (ii)_________ लोके अन्यः अपि                             (iii)_________ (निजबुद्ध्या) महतो (iv)___________ मुज्यते।

मञ्जूषा
भयात्, बुद्ध्या, बुद्धिमान्, विमुक्ता

अथवा

मञ्जूषायाः साहाय्येन श्लोकस्यभावार्थे रिक्तस्थानानि पूरयित्वा पुनः लिखत-                ½×4=2 
                            दुष्कराष्यपि कर्माणि मतिवैभवशालिनः।
                                    नीतिं युक्तिं समालम्ब्य लीलयैव प्रकुर्वते।।
भावार्थः- अस्यभावोऽस्ति यत् बुद्धि (i)_______ युक्ताः जनाः उत्तम् (ii)______ युक्तेः च आधारं                   नीत्वा (iii)_______ अपि कार्याणि लीलया एव (iv)________ तेषुते कदापि कठिनतामपि                 न अनुभवन्ति।

मञ्जूषा
प्रकुर्वन्ति, धनेन, कठिनतमानि, नीतेः

प्र.19. अधोलिखित-कथांशं समुचित-क्रमेण लिखत-                                             ½x8=4 
I. कथम् एकैकशः व्याघ्रभक्षणाय कलहं कुरुथः।
II. कश्चित् धूर्तः शृगालः हसन्नं अवदत्।
III. त्वम् मानुषादपि बिभेषि।
IV. तस्यद्वभार्या बुद्धिमती पुत्रयोपेता पितृर्गृहं प्रति चलित।
V. भवान् कुतः भयात् पलायितः।
VI. तौ एव विभज्य भुज्यताम्।
VII. व्याघ्रः भयाकुलचित्तो नष्टः।
VIII. बुद्धिमती व्याघ्रजाद् भयात् पुनरपि मुक्ताऽभवत्।


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