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संस्कृत भाषा

संस्कृत का अर्थ है- संस्कार की हुई भाषा। संस्कृत भारतीय उपमहाद्वीप की एक प्राचीनतम भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं।

संस्कृत भारत की कई लिपियों में लिखी जाती रही है, लेकिन आधुनिक युग में देवनागरी लिपि के साथ इसका विशेष संबंध है। देवनागरी लिपि वास्तव में संस्कृत के लिये ही बनी है।

बच्चों वैसे तो संस्कृत देवों की भाषा है। हमारे चारों वेद, महाकाव्य (रामायण और महाभारत), पुराण, उपनिषद् संस्कृत में ही लिखे गए हैं।

संस्कृत जीवन का आधार है, हम भारतीयों की आत्मा है, वास्तव में यह भाषा जब हम इस संसार में आते हैं तब से लेकर अंतिम संस्कार तक इस भाषा का हमारे जीवन में प्रयोग होता है। 

संस्कृत हमें संस्कार देती है, संस्कृत हमें अपनी संस्कृति की पहचान कराती है, संस्कृत भाषा हमें नम्रता सिखाती है, विकट परिस्थितियों में भी संयम सिखाती है।    

भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में संस्कृत को भी सम्मिलित किया गया है। यह उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा है। आकाशवाणी और दूरदर्शन से संस्कृत में समाचार प्रसारित किए जाते हैं। 

...तो आइये इस भाषा का सीखने का प्रयत्न करें और साथ ही यह भी जाने कि यह भाषा हमारे जीवन के लिए क्यों आवश्यक है?

।।जयतु संस्कृतम्।।

        ✍ डॉ. धर्मेन्द्र कुमार शर्मा

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