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Test Paper-3 (IX)


                                                                             अ-भागः
(बहुविकल्पकात्मक प्रश्नाः)
अनुप्रुक्त व्याकरणम्

प्र.1. अधोलिखितवाक्येषु रेखांकितपदस्य सन्धिपदं सन्धिच्छेदपदं वा चिनुत्-
        (केवलं प्रश्नचतुष्टयम्)                                                                                        1×4=4 

(i) सुलेखा गृहम् + गच्छति।
(क) गृहं गच्छति  (ख) गृहागच्छाति (ग) गृहगच्छति
(ii) सः दिगम्बरः अस्ति।
(क) दिग् + अम्बरः (ख) दिक् + अम्बरः (ग) दिग + अम्बरः
(iii) कस्मिश्चित् नगरे चन्द्रोनाम भूपतिः प्रतिवसति स्म।
(क) चन्द्रो + नाम (ख) चन्द्रः + नाम (ग) चन्द्रोः + नाम
(iv) मातृ+ आज्ञा सर्वदा पालनीया।
(क) मात्रज्ञा (ख) मातृज्ञा (ग) मात्र + आज्ञा
(v) हिमालयः अस्माकं देशस्य प्रहरी अस्ति।
(क) हिमा+ अलयः (ख) हिमः + आलयः (ग) हिम + आलयः


प्र.2. उचित शब्दरूपाणि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
        (केवलं प्रश्नचतुष्टयम्)                                                                                                 1×4=4 
(i) ________ कार्ये कः क्षमः अस्ति?
(क) अस्य (ख) अस्मिन् (ग) अस्याः
(ii) ________ अत्र आगच्छ।
(क) त्वम् (ख) त्वाम् (ग) युवाम्
(iii) ________ शोभां पश्य।
 (क) शाखायाम्  (ख) शाखां (ग) शाखायाः
(iv) तत्र ________ पाठयतः।
(क) शिक्षकः (ख) शिक्षकौ (ग) शिक्षकाः
(v) ________ सन्मार्गं प्रदर्शयन्ति।
(क) साधुः (ख) साधू (ग) साधवः


प्र.3.  उचित धातुरूपाणि चित्वा रिक्त-स्थानानि पूरयत-
        (केवलं प्रश्नचतुष्टयम्)                                                                                                 1×4=4 
(i) सेवकः स्वामिनम् ________।
(क) सेवते (ख) सेवति (ग) सेवसे
(ii) सदैव सत्यं ________।
(क) वदतु (ख) वदताम् (ग) वदन्तु
(iii) तौ सायंकाले भ्रमितुम।
(क) अगच्छत् (ख) अगच्छताम् (ग) अगच्छन्
(iv) वयं सदैव सुधीराः सुवीशः च ________।
(क) भवेयम् (ख) भवेव (ग) भवेम
(v) यूयम् उद्याने कदा ________?
(क) क्रीडति (ख) क्रीडयः (ग) क्रीडय


प्र.4. उचित शब्दरूपाणि (उपपद) चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
        (केवलं प्रश्नचतुष्टयम्)                                                                                                 1×3=3 
(i) ________ निकषा एकः तडागः आस्ति।
(क) वृक्षस्य (ख) वृक्षं (ग) वृक्षे
(ii) अलम् वृथा ________।
(क) रोदनेन (ख) रोदनात् (ग) रोदनाय
(iii) तस्मै ________ मिष्ठान्नं रोचते।
(क) बालकं (ख) बालकाय (ग) बालकेन
(iv) ________ भीतः बालकः क्रदन्ति।
(क) चौरस्य (ख) चौरं (ग) चौरात्
(v) ________ पृष्ठतः कः?
(क) ग्रामं (ख) ग्रामस्य (ग) ग्रामाय


प्र.5. प्रदत्त विकल्पेभ्यः समुचितं प्रत्ययं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
        (केवलं प्रश्नचतुष्टयम्)                                                                                                 1×4=4 
(i) रामः कन्दुकम् ________ (प्र + आप + ल्यप्) पुनः प्रसन्न भवति।
(क) प्राप्त्वा (ख) प्राप्य (ग) प्रप्य
(ii) बालकाः मेलकं द्रष्टुं गच्छाति।
(क) दृश् + तुमुन् (ख) पश् + तुमुन् (ग) द्रश + तुमुन्
(iii) कूपात् जलं पीत्वा आगच्छति।
(क) पि + त्वा (ख) पा + क्त्वा (ग) पी + क्त्वा
(iv) क्लेश्यमानोऽपि विद्या न अधीतवान् अस्मि।
(क) अधि +इ + क्त (ख) अधि + इ + क्तवतु (ग) अधि + इ + वत्
(v) हं हो बाले। त्वमागता, तिष्ठ।
(क) आ +गम्+ क्त (ख) आ + गता (ग) अ + गम् + क्त

प्र.6. प्रदत्त विकल्पेभ्यः समुचितं संख्यावाचकपदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
        (केवलं प्रश्नत्रयम्)                                                                                                 1×3=3 
(i) राजा दशरयस्य ________ पुत्राः आसन्।
(क) चत्वारि (ख) चतस्रः (ग) चत्वारः
(ii) आम्रवृक्षे ________ चटकाः कूजन्ति।
(क) चतस्रः (ख) चत्वारः (ग) चत्वारि
(iii) तस्याः च ________ दुहिता विनम्रा मनोहरा चासीत्।
(क) एका (ख) एकाः (ग) एकः
(iv) पृथिव्याम् ________ रत्नानि सन्ति।
(क) त्रीणि (ख) त्रयः (ग) तिस्रः


प्र.7. प्रदत्त विकल्पेभ्यः समुचितं उपसर्गं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
        (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                                                                 1×3=3 
क्रम क्रियापदम उपसर्गः                 धातुः
(i)  प्रभवति         ________         ________
(ii) निवसन्ति         ________         ________
(iii) समुपहरान्ति ________         ________

प्र.8. रेखांकित-पदानि आधृत्य समुचितं प्रश्नवाचकपदं चिनुत- 
        (केवलं प्रश्नपञ्च)                                                                                                         1×5=5 
(i) खिन्नः बालकः कुक्कुरम् अकथयत्।
(क) का (ख) कीदृशः (ग) कीदृशी
(ii) सिकता जलप्रवाहे न स्थास्यति।
(क) काः (ख) के (ग) कः
(iii) पञ्चतत्वानि मिलित्वा पर्यावरणं रचयन्ति।
(क) किम् (ख) कः (ग) कम्
(iv) हंसाः महीमण्डनाय कुत्रापि गच्छेयुः।
(क) काय (ख) किमर्थम् (ग) कया
(v) सा पुत्रीम् आदिदेश।
(क) काम् (ख) कम् (ग) किम्
(vi) मल्लिका स्वपति चतुरतमं मन्यते।
(क) कीदृशं (ख) किम् (ग) काम्


प्र.9. उचित विलोमपदानां मेलनं कुरुत-                                                                         1×4=4 
(i)  सत्वरम्          हसन्ति
        (ii)  उर्ध्वः          रिक्ताः
        (iii)  विलपन्ति          अधः
        (iv)  पूरिताः          चिरम्
प्र.10. भाषिककार्यसम्बद्धानां प्रश्नानां समुचितम् उत्तरं विकल्पेभ्यः चिनुत-
        (केवलं प्रश्नषट्यम)                                                                                                 1×6=6 
(i) नेच्छामि त्वाम् आभूषणविहीनां कर्तुम्। अत्र त्वाम् पदं कस्यै प्रयुक्तम्
(क) मल्लिकायै (ख) चन्दनाय (ग) उमायै
(ii) शुद्धम् पदस्य पर्यायपदं किम्?
(क) सुखम् (ख) संकल्पम् (ग) परिष्कृतम्
(iii) अङ्केनादाय वैदेहीं पपात भुवि रावणः 'अस्त्र रावणः इत्यस्य क्रियापदं किम्?
(क) आदाय (ख) भुवि (ग) पपात
(iv) सेतुरेषः अत्र विशेषणपदं किम्?
(क) सेतुः (ख) रेषः (ग) एषः
(v) व्रजन्तं मधुकरम् इति पदस्थ विशेष्यपदं किम्?
(क) व्रजन्तं (ख) मधुकरम् (ग) वयम्
(vi) आचरणं कर्तव्यम् इति पदस्य किं पर्यायपदम्।
(क) समाचरेत् (ख) परेषाम् (ग) आत्मनः
(vii) 'स्वर्णकाकेन तिस्रः मञ्जूषाः तत्पुरः समुक्षिप्ताः' अत्र कृर्तपदं किम्?
(क) मञ्जूषाः (ख) स्वर्णकाकेन (ग) तिस्र


पठितावबोधनम्
आ – भागः
वर्णनात्मकाः प्रश्नाः 40 अङ्काः

अपठितावबोधनम्

प्र.11. अधोलिखित गद्यांशं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतेन लिखत-                                 10
श्रमस्य साहस्य च फलम् अवश्यमेव प्राप्नोति। यदा वयं मनसि लक्ष्यं चिन्तयित्वा धैर्यपूर्वकं निज कार्यम् कुर्मः तर्हि अवश्यम् एव सफलतायाः प्राप्तिः भवति। अतएव कथ्यते-साहसे एव लक्ष्मीः प्रतिनिवसति। जीवने लाभालाभयोः विचारं विना परिश्रमः करणीयः। साहसिनः विद्यार्थिनः सदैव कर्मयोगिनः भूत्वा सम्यक् पदम् अलंकुर्वन्ति। साहसिनः जनाः सर्वदा सन्मार्गम् अनुसरन्ति। एते एव जनाः राष्ट्रोन्नयने समर्थाः भवन्ति। एते एव जनाः नवीनान् आविष्कारान् कुर्वन्ति। साहसम् अनारुहय तु कोऽपि सफलः न भवति। विजयस्य प्रथमं सोपानम् तु साहसः एव। अतः जीवने अस्य अङ्गीकारं कुर्यात्।
अ. एकपदेन उत्तरत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                             (1×2=2) 
(क) कुत्र लक्ष्मीः निवसति?
(ख) कीदृशाः जनाः सन्मार्गम् अनुसरन्ति?
(ग) किम् अनारुह्य कोऽपि सफ़लः भवति?
आ. पूर्णवाक्येन लिखत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                             (2×2=4) 
(क) जीवने कथं परिश्रमः करणीयः?
(ख) सफलतायाः प्राप्तिः कथं भवति?
(ग) के कथम् च सम्यक् पदं अलंकुर्वन्ति?
इ. अस्य अनुच्छेदस्य कृते उपयुक्तं शीर्षकं संस्कृतेन लिखत।                                     (1)
 
ई. यथानिर्देशम् उत्तरत- (केवलं प्रश्नत्रयम्)                                                             (1×3=3 )
“सर्वासु ” (i) ‘कुर्मः' इति पदस्य किं कर्तृपदम्?
(क) अहम्        (ख) आवाम् (ग) वयम्
(ii) छात्राः इत्यर्थे अनुच्छेदे किम् पदं प्रयुक्तं ?
(क) जनाः (ख) साहसिनः (ग) विद्यार्थिनः
(iii)  ‘भूत्वा' इति पदे का प्रत्ययः अस्ति?
(क) भू (ख) क्त्वा (ग) त्वा
(iv) 'साहसिनः जनाः सर्वदा सन्मार्गम् अनुसरन्ति’ अस्मिन् वाक्ये अव्ययपदं किमस्ति
(क) जनाः (ख) सन्मार्गं (ग) सर्वदा

रचनात्कमकम् कार्यम्

प्र.12.भवान् अमितः भवतः मित्रम् आशीषः विदेशे वसति तस्य रूचिः पठने नास्ति तं पठनस्य                   महत्वविषये वर्णनं कुर्वन् लिखितं पत्रं मञ्जूषायां प्रदत्तपदसहायता पूरयित्वा पुनः                 
    लिखत                                                                                                                 ½×10=5 

101 आदर्शनगरम् , गोटनः

तिथिः ________
प्रिय मित्रम् (i) ________

सप्रेम नमोनमः

अत्र कुशलं (ii) ________। तब पत्रम् (iii) ________ वृत्तान्तं च ज्ञातम्। भवतः पठने रूचिः कथं न अस्ति? पठनात् (iv) ________ कारणं किं अस्ति? जीवने (v) ________ तु अनिवार्य। पठनेन एव नरः (vi) ________ प्राप्नोति सर्वत्र च सम्मानं लभते। अपठितस्य जीवनं (vii) ________ एव। अपठितः जनः तु केवलं (viii) ________ इब भारम् एब वहति। अपठितः जनः तु समाजे अपि (ix) ________ न लभते। अतः मित्र! अस्मिन् विषये विचारं कुरु पठने च ध्यानं प्रयच्छ। भवान् अस्मिन् विषये अवश्यमेव विचारं करिष्यसि इति तु अहं जानामि।
मातृपितृभ्यां प्रणाम।
                                                                                                            भवदीय मित्रम्
                                                                                                             (x) ________

मञ्जूषा
नरेशः, सम्मानम्, आशीषः, पशुः, तत्रास्तु, पठनम, 
प्राप्तम्, विरागस्य, योग्यताम्, व्यर्थम्
प्र.13. प्रदत्त चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषायां प्रदत्तशब्दानां सहायतया पञ्चवाक्यानि संस्कृतेन लिखत- 1x5=5 
 

मञ्जूषा 
पत्राणि, आम्रस्य, शुकाः, स्थिताः, त्रयः बालकाः, वृक्षे, खादतः, शुकौ, वायुः, 
आम्रफलम्, शुकः, एकः, पतन्ति, वृक्षात्, खेलन्ति, वहति

प्र.14. अधोलिखितवाक्यानि संस्कृतभाषया अनूद्य  लिखत-
           (केवलं वाक्यपञ्चकम्)                                                                                         1x5=5 

1. वह विद्यालय के समीप बैठा है।             1. He is seating near school.
2. अब मैं क्या करूँ?                             2. What shall I do?
3. वह उद्यान में घूम रहा था।                     3. He was walking in the garden
4. कल मेरे पिता विदेश जाएंगे।             4. Tomorrow my father will go abroad
5. आज वह पाठशाला नहीं गया।             5. Today he did not go to school.
6. पाठ को पढ़कर सुनाओ।                     6. Narrate the lesson after reading it.
7. हम समाचार सुनेंगे।                             7. We shall listen to the news.

पठितावबोधनम्
प्र.15.अधोलिखित गद्यांशं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानां उत्तराणि संस्कृतेन लिखत- 3
तस्मिन्नेव ग्रामे एकाऽपरा लुब्धा न्यवसन्त्। तस्या अपि एका पुत्री आसीत्। ईर्ष्यया सा स्वर्णकाकस्य रहस्यमाभिज्ञानवती। सूर्यातपे तण्डुलान्निक्षिप्य तयापि स्वसुतां रक्षार्थ नियुक्ता। तथैव स्वर्णपक्षः काकः तण्डुलान् भक्षयन् तामपि तत्रैवाकारयत्। प्रातस्तत्र गत्वा सा काकं निर्भमयन्ती प्रावोचत्-भो नीचकाक! अहमागत्ता, महयं तण्डुलमूल्यं प्रयच्छ। काकोऽब्रवीत्-अहं त्वकृते सोपानमुत्तारयामि। तत्कथय स्वर्णमयं रजतमयं ताम्रमय वा।

अ. एकपदेन उत्तरत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                             (½×2=1) 
(i) ग्रामे कीदृशी वृद्धान्यवसनत्?
(ii) कथम् सा स्वर्णकाकस्यरसहयमाभिज्ञातवती?
(iii) सा कम् निर्भत्सयन्ती?

आ. पूर्णवाक्येन उत्तरत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                             (1×2=2) 
(i) काकः सा पुत्रीम् किम् अब्रवीत्?
(ii) काकं सा किं प्रावीचत्?
(iii) काकः किं अवतारयति?

प्र.16.अधोलिखित पद्यांशं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानां उत्तराणि संस्कृतेन लिखत-                        (3)
तस्य तीक्ष्णनखाभ्यां तु चरणाभ्यां महाबलः।
चकार बहुधा गात्रे व्रणान्पतगसत्तमः॥
अ. एकपदेन उत्तरत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                             (½×2=1) 
(i) महाबलः कः आसीत्?
(ii) कः पतगसत्तमः?
(iii) कस्य तीक्ष्णनखाभ्याम्?
आ. पूर्णवाक्येन उत्तरत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                             (1×2=2) 
(i) जटायुः ब्रणान कुत्र-चकार?
(ii) जटायोः नखाः कीदृशाः आसन्?
(iii) जटायुः कीदृशः आसीत्?

प्र.17. अधोलिखित नाट्यांशं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानां उत्तराणि संस्कृतेन लिखत-                        (3)
(ततः प्रविशति तपस्यारतः तपोदत्तः)
तपोदत्तः- अहमस्मि तपोदत्तः। बाल्ये पितृचरणैः क्लेश्यमानोऽपि विद्यां नाऽधीतवानस्मि। तस्मात् सर्वैः कुटुम्बिभिः मित्रैः ज्ञातिजनैश्च गर्हितोऽभवम्।
(ऊर्ध्व निःश्वस्य)
हा विधे। किमिदम्मया कृतम्? कीदृशी दुर्बुद्धिरासीत्तदा! एतदपि न चिन्तितं यत्-
परिधानैरलङ्कारैभूषितोऽपि न शोभते।
नरो निर्मणिभोगीव सभायां यदि वा गृहे।।
(किञ्चिद् विमृश्य)
भवतु, किमेतेन? दिवसे मार्गभ्रान्तः सन्ध्यां यावद् यदि गृहमुपैति तदपि वरम्। नाऽसौ भ्रान्तो मन्यते। एष इदानीं तपश्चर्यया विद्यामवाप्तुं प्रवृतोऽस्ति।
अ. एकपदेन उत्तरत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                             (½×2=1) 
(i) तपोदत्तस्य बुद्धिः कीदृशी आसीत्?
(ii) सः किं कृत्वा विद्यां प्राप्तुम् प्रवृत्तोऽस्ति?
(iii) विद्याम् अवाप्तुं कः प्रवृत्तः अस्ति?
आ. पूर्णवाक्येन उत्तरत- (केवलं प्रश्नद्वयम्)                                                             (1×2=2) 
(i) कीदृशः नरः न शोभते?
(ii) तपोदत्तः कैः गर्हितः अभवत्?
(iii) के गर्हितो अभवन्?

प्र.18.मञ्जूषातः समुचितपदानि चित्वा अधोलिखित-श्लोकस्य अन्वयं पूरयत-                      (½×4=2) 
वृत्तं यत्नेन संरक्षेद् वित्तमेति च याति च।
अक्षीणो वित्ततः क्षीणो वृत्ततंस्तु हतो हतः।।

अन्वयः- 
वृत्तं (i) ___________ संरक्षेत् क्तिं तु जीवने (ii) ___________ याति च। (यदि कोऽपि) वित्ततः (iii)__ _________ भवति तदा तस्य किमपि नष्टं न भवति। किन्तु यदि कोऽपि (iv) ________ क्षीणः भवति तदा सः पुनः सम्मानं न प्राप्नोति।
मञ्जूषा
            क्षीणः एति वृत्ततः यत्नेन

अथवा

मञ्जूषायाः साहाय्येन श्लोकस्यभावार्थे रिक्तस्थानानि पूरयित्वा पुनः लिखत-             (½×4=2) 
                                श्रूयतां धर्मसर्वस्वं श्रुत्वा चैवावधार्यताम्।
                                        आत्मनः प्रतिकूलानि परेषां न समाचरेत्।।

भावार्थः- 
महात्मा अकथयनत् यत् हे जनाः! धर्मस्य (i) ___________ प्रथमं श्रुणुत पश्चात् तत् जीवनेषु धारयत। (ii) ___________ सारोऽस्ति यत् (iii) ___________ विपरीतम् आचरणं कदापि अन्येभ्यः (iv)______ _____ न कुरुत। अर्थात् यदाचरणं भवतां कृते उचितं हितकरं वा न स्यात् तदन्येषां कृते न कुरुत।

मञ्जूषा
जनेभ्यः धर्मस्य सारम् आत्मनः

प्र.19. अधोलिखित-कथांशं समुचित-क्रमेण लिखत-                                             (½x8=4) 
I. एकदा एकः तन्दालुः बालः आसीत्।
II. सः बालः विघ्नितमनोरथः चिन्तितवान्-कथं अस्मिन् जगति प्रत्येकं जनाः स्व-स्वकार्येषु निमग्नाः सन्ति।
III. हे मनुष्याणां मित्र कुक्कुर! अस्मिन् निदाघे तरुमूले मया सह खेलिष्यसि
IV. सः अगायत्- वयं हि मधुरसंग्रहे व्यग्राः रमः इति।
V. सः पुष्पोधानं व्रजन्तं मधुकरं दृष्ट्वा तं क्रीडाहेतोः आह्वयत्।
VI. अयि चटकपोत! मानुषस्य मम मित्रं भविष्यसि किम्?
VII. ततः प्रभृति सः विद्याभ्यासं कृत्वा वैदुषीं प्रथां सम्पत्तिं च अलभत्।
VIII. मम स्वामी पुत्रप्रीत्या मां पोषयति अतः अहं तस्य सेवायाः भ्रष्टा न भविष्यामि।

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