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Picture (VIII)

                                                                    😟 चित्रवर्णनम्



💧ध्यान रखने योग्य प्रमुख बातें

बच्चों, चित्र-वर्णन में सरल, लघु वाक्य पूर्ति अपेक्षित होती है। केवल वाक्य की शुद्धता देखी जाती है। इस प्रश्न का प्रमुख उद्देश्य वाक्य रचना है। वाक्य शुद्ध हों ज्यादा महत्वपूर्ण यह है। प्रत्येक वाक्य के लिए ½ अंक, और भाव के लिए ½ अंक (व्याकरण की शुद्धता के लिए) होता है। मञ्जूषा में दिए गए शब्द सहायतार्थ हैं। मञ्जूषा में अनेक शब्द दिए जाते हैं। इसमें से आप शब्द का चयन करें अथवा नहीं यह आप पर निर्भर करता है।

(1)            सर्वप्रथम आपको चित्र को ध्यान से देखना है और उस चित्र के वर्णन के लिए सोचना है।

(2)            जैसे कि चित्र किसका है, चित्र में क्या-क्या हो रहा है, किस प्रकार के लोग हैं, कैसा वातावरण है? इत्यादि।

(3)            तत्पश्चात् मञ्जूषा में दिए गए शब्दों को ध्यान से पढ़ना चाहिए और उनका अर्थ निकालने का प्रयास करना चाहिए।

(4)            शब्दों के अर्थ समझने के बाद सरल तथा छोटे वाक्य बनाने चाहिए, जिससे व्याकरणात्मक त्रुटि न हो।

(5)            चित्र वर्णन में वाक्य केवल लट्लकार (वर्तमानकाल) में ही बनाने चाहिए।

(6)            चित्र वर्णन में आपको एक वाक्य ऐसा बनाना है जिसमें यह बताया गया हो कि दिया हुआ चित्र किसका है?

(7)            चित्र में आपको ऐसा कोई भी वाक्य नहीं बनाना है- चित्र सुन्दर है  (इदं चित्रम् सुन्दरम् अस्ति)।

(8)            वाक्य अधिक बड़े नहीं होने चाहिए।

(9)            वाक्यों का परस्पर सम्बन्ध होना चाहिए।

(10)      वाक्य बनाते समय कर्ता, क्रिया का समुचित रूप से ध्यान रखना चाहिए।

(11)      यह आवश्यक नहीं है कि दी गई मञ्जूषा के शब्दों का आप प्रयोग करें।

(12)      आप चाहे तों अपने वाक्यों में आवश्यकतानुसार मञ्जूषा में दिए गए शब्दों  में व्याकरणात्मक परिवर्तन कर सकतें हैं।

        जैसे- वचन, पुरुष, विभक्ति  इत्यादि।

 

प्र. अधः प्रदत्तम् चित्रम् आधृत्य शब्द-सूच्याः/मजूषायाः सहायतया पञ्चवाक्यानि उत्तरपुस्तिकायां लिखत-

मञ्जूषा

सङ्गणकस्य कार्यालये, कार्याणि, सम्पूर्णाः सूचनाः,

कर्गदानां प्रयोगः सङ्गणकज्ञानम्, महती आवश्यकता।

 


 

 उत्तरम्-

1. अयम् सङ्गणकस्य कार्यालयः अस्ति।
2. अस्मिन् कार्यालये सम्पूर्णा: सूचना: एकत्रिता भवन्ति।
3. कार्यालये कर्गदानां प्रयोग भवति।
4. जनपदे कार्यालये सङ्गणकज्ञानमम् भवति।
5. आधुनिके युगे सङ्गणकज्ञानम् महती आवश्यकता।



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